योजनाबद्ध जीवन
जो योजनाबद्ध जीवन जीना चाहते हैं; उन्हें सर्वप्रथम अपनी अभिरुचि, इच्छा, आकांक्षा का चुनाव करना चाहिए। लक्ष्य निर्धारित करके तीर छोड़ने पर उसके निशाने पर लगने की संभावना रहती है, पर यदि उसे कौतुक रूप में किसी भी दिशा में चलाते रहा जाए, तो श्रम की बरबादी और कुछ न कर पाने की लोक-हँसाई ही हाथ आती है। विचारों की संरचना को दिवास्वप्न नहीं मानना चाहिए। कल्पनाओं की संरचना परीलोक में विचरण करने जैसी असंगत नहीं होनी चाहिए, वरन यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि कल्पनाओं की छत्रछाया में ही रुझान ढलता है और चिंतन की अपने हुई दिशा ही स्वभाव बन जाती है; प्रिय लगने लगती है।
who want to live a planned life; They should first choose their aptitude, desire, aspiration. There is a possibility of hitting the target after setting the target and releasing the arrow, but if it is kept running in any direction in a prodigious form, then only the waste of labor and the public laughter of not being able to do anything. The formation of thoughts should not be taken as a daydream. The structure of fantasies should not be as inconsistent as wandering in the fairy world, but it should be kept in mind that under the shadow of imaginations the tendency falls and the direction of contemplation itself becomes the nature; Looks dear.
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सांस्कृतिक मूल्यों से दूर युवा पीढी आज युवा पीढी अपने सांस्कृतिक मूल्यों से दूर हो गई है। आए दिन नए-नए गुरुओं का डंका बज रहा है। आज अगर हम अपनी पीढी को भौतिकता की चकाचौंध में खोते हुए नहीं देखना चाहते, तो हमें महर्षि दयानन्द के बताए मार्ग पर चलना होगा। देश के सामने एक बड़ी चुनौती है। अज्ञान, अन्याय और अभाव को दूर करने में हम असमर्थ रहे हैं। अज्ञान से लड़ने वाले...