आर्यसमाज रायपुर में विवाह हेतु आवश्यक दस्तावेज एवं जानकारी
Arya Samaj Booking Marriage Indraprastha Colony Raipur - 9109372521
आवश्यक सूचना पर ध्यान दें - रायपुर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट का Recognized & Approved Legal केन्द्र केवल वण्डरलैण्ड वॉटरपार्क के सामने, सरोना के पास, इन्द्रप्रस्थ कालोनी में है। रायपुर में इसके अतिरिक्त ट्रस्ट का अन्य कोई Authorized मन्दिर या शाखा अथवा केन्द्र नहीं है। इसके अलावा किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा चलाये जा रहे किसी भी केन्द्र या शाखा के लिए अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट जिम्मेदार नहीं है।
आर्यसमाज विवाह करने हेतु समस्त जानकारियां फोन द्वारा प्राप्त की जा सकती हैं। विवाह सम्बन्धी जानकारी या पूछताछ के लिए आप मो.- 9109372521 पर (समय - प्रातः 10 बजे से सायं 8 बजे तक) श्री देव शास्त्री से निसंकोच बात कर समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा आपको जिस दिन विवाह करना हो उस मनचाहे दिन की बुकिंग आप फोन पर करा सकते हैं। फोन द्वारा बुकिंग करने के लिए वर-वधू का नाम पता और विवाह की निर्धारित तिथि बताना आवश्यक है।
About Arya Samaj
हर युग को अपना विचार पैदा करना होता है, हर युग को अपनी दृष्टि विकसित करनी होती है, जो ऐसा नहीं कर पाते, उनसे युग प्रश्नों की चुनौतियाँ नहीं सँभलतीं।
Arya Samaj Marriage Raipur - 9109372521
Arya Samaj are Sanskrit words meaning ‘A Noble gathering.‘ The foundation of Arya Samaj is based exclusively on the Vedas, which states that God is an all-powerful and formless Supreme Being who is omniscient, omnipotent, and omnipresent.
साक्षात्कार
संसार दुःखरूप है। इसमें सुख कहां है। जो थोड़ा-बहुत सुख है भी तो वह भी दुःख-समन्वित है। इसीलिए विवेक न दुःख की ही विवेचना करते रहते हैं। आज सर्वत्र इसी प्रकार की चर्चायें सुनने को मिलती रहती है। आज यही धारण बद्धमूल हो चुकी है कि संसार दुःखरूप है। संसार में दुःख चाहे कितना ही क्यों न हो, पर यह कहना यथार्थ नहीं होगी कि इसमें सुख का लेशमात्र भी नहीं है। यदि सुख जैसे कोई वस्तु है ही नहीं तो फिर दुःख की कल्पना कैसे की जा सकती है। दुःख भी तो सुख की अपेक्षा से ही हैं। वस्तुतः सुख-दुःख दोनों सापेक्ष हैं। एक के बिना दूसरे की कल्पना के बिना भी नहीं की जा सकती।
सांस्कृतिक मूल्यों से दूर युवा पीढी आज युवा पीढी अपने सांस्कृतिक मूल्यों से दूर हो गई है। आए दिन नए-नए गुरुओं का डंका बज रहा है। आज अगर हम अपनी पीढी को भौतिकता की चकाचौंध में खोते हुए नहीं देखना चाहते, तो हमें महर्षि दयानन्द के बताए मार्ग पर चलना होगा। देश के सामने एक बड़ी चुनौती है। अज्ञान, अन्याय और अभाव को दूर करने में हम असमर्थ रहे हैं। अज्ञान से लड़ने वाले...